International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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स्त्री-चेतना की अवधारणा : वैदिक से वैज्ञानिक युग तक
1 Author(s): MANOJ KUMAR SINGH
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 602 - 616 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
चेतना का शाबिदक अर्थ समझ अथवा ज्ञानात्मक मनोवृत्ति है, जिसका संबंध जीवन-दृषिट से होता है। जीवन-दृषिट वह सारतत्व होता है, जिसका स्वरूप इतिहास-वर्तमान, अच्छा-बुरा,अनुकूल-प्रतिकूल,नया-पुराना आदि के परिसिथतिबोध और द्वंद्व से विनिर्मित होता है। अच्छा-बुरा, नया-पुराना, इतिहास और वर्तमान का द्वंद्व निश्चय ही यथासिथतिवाद का विरोध और नवीन अवधारणाओं का वाहक होता है।