International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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रामदरश मिश्र के उपन्यासाे में नारी-नवजागरण
1 Author(s): DR. PRAVEEN YADAV
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 201 - 207 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भारत स्वतंत्रता-पूर्व दासता, रूढि़याें एवं अंधिविष्वासों की बेडि़यों में जकड़ा हुआ था। स्वतंत्रता-प्रापित के पश्चात भी इन परिसिथतियाें में कोर्इ विषेष अंतर नहीं आया, पुरूष-प्रधान समाज में नारी की सिथति दयनीय एवं शोचनीय बनी हुर्इ थी। भारतीय मनीषियाें का यह उदघोष-'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता