हिमांशु जोशी : जीवन परिचय
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Author(s):
RAJEEV JOSHI
Vol - 4, Issue- 3 ,
Page(s) : 21 - 40
(2013 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
हिमांशु जोशी हिंदी के लब्ध-प्रतिशिठत साहित्यकार हैं। वैंसे वे उपन्यासकार, कहानीकार, रूपककार एवं कवि भी हैं, किन्तु उपन्यास एवं कहानी के क्षेत्र में उन्हें पर्याप्त सफलता एवं ख्याति मिली है। सामन्यत: किसी भी साहित्यकार एवं कलाकार के व्यकितत्व को जानने के लिए हमें तीन बातों का ध्यान रखना पड़ेगा - युग-चेतना, मन के संस्कार और जीवन की परिसिथतियां। इन्हीं तीन उपादानों से साहित्यकार का व्यकितत्व संवरता है। एक और प्रभाव उनके व्यकितत्व पर-साहितियक परंपराओं का भी पड़ता है। order online
- प्रेमचन्द एक अध्ययन, श्री राजेष्वर गुरु, पृ॰ 276
- व्यक्तिगत साक्षात्कार, दिनांक, 21-12-2006
- वही, दिनांक, 21-12-2006
- वही, दिनांक, 21-12-2006
- व्यक्तिगत साक्षात्कार, दिनांक, 21-12-2006
- वही, दिनांक, 21-12-2006
- दिनांक, 11-03-2009 के वार्तालाप पर आधारित
- व्यक्तिगत साक्षात्कार, दिनांक, 21-12-2006
- ‘इकहत्तर कहानियां की भूमिका ‘कथा तीरे’ से उद्धृत, हिमांषु जोषी, पृ॰ 08
- व्यक्तिगत साक्षातकार, दिनांक, 12-12-2006
- इकहत्तर कहानियां, जिल्द से उद्धृत
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- उत्तराखण्ड के रचनाकार: मेरा रचना संसार (भाग-1), सं॰, प्रो॰ देवसिंह पोखरिया, डाॅ॰ दिवा भट्ट, पृ॰ 81
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- द्वितीय महायुद्धोत्तर हिंदी साहित्य का इतिहास, डाॅ॰ लक्ष्मी सागर वाश्णेय, पृ॰ 228
- व्यक्तिगत पत्र, दिनांक 25-11-2007
- हिमांषु जोषी के कथा साहित्य में आंचलिकता, डाॅ॰ अरुण प्रकाष ढौण्डियाल, पृ॰ 193
- षांतिदूत, मार्च-अप्रेल 2006, पृ॰ 47
- व्यक्तिगत साक्षात्कार, दिनांक, 9-03-2009
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 71
- वही, पृ॰ 48-49
- समकालीन कविताः वैचारिक आयाम, डाॅ॰ बलदेव वंषी, पृ॰ 113
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- वही, पृ॰ 06
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 07
- वही, पृ॰ 07
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 14
- वही, पृ॰ 74
- वही, पृ॰ 16
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 04
- वही, पृ॰ 45
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 72-73
- वही, पृ॰ 67
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 02
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 05
- वही, पृ॰ 52
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 37
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 65
- प्रकर, जनवरी 79, पृ॰ 21
- नील नदी का वृक्ष, पृ॰ 69
- समकालीन कविता की अंतर्यात्रा, डाॅ॰ विष्वम्भर नाथ उपाध्याय, पृ॰ 65
- वही, पृ॰ 77
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