( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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प्रेमचंद का कथा साहित्य : भारतीय किसान की दशा (गोदान के विशेष संदर्भ में)

    1 Author(s):  DR. SHIVDAYAL PATEL

Vol -  11, Issue- 10 ,         Page(s) : 130 - 138  (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है और भारत की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि है। कृषि की उपज के माध्यम से देश का उदरपोषण करने वाला अन्नदाता किसान साहित्य में हाशिये पर रहा। हिंदी साहित्य में व्यापक फलक पर किसान को केंद्र में रखकर रचना करने वाले प्रथम और श्रेष्ठ कथाकार हैं मुंशी प्रेमचंद। प्रेमचंद का लगभग पूरा साहित्य गांव और किसान को केंद्र में रखकर लिखा गया। प्रेमचंद के अधिकांश साहित्य सामाजिक समस्याओं और उनके निराकरण के प्रयास पर आधारित है। समाज के बहुसंख्यक वर्ग यानी किसान और उनकी जीवन-शैली, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज, तीज-त्योहार आदि का वर्णन उनके साहित्य में समग्र रूप में उपलब्ध है। उनकी कृति प्रेमाश्रम, कर्मभूमि और गोदान को किसान साहित्य का वृहतत्रयी उपन्यास कहा जाता है।

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