International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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विद्यापति के काव्य का सामाजिक सन्दर्भ
1 Author(s): BISHNUDEO PASWAN
Vol - 11, Issue- 2 , Page(s) : 267 - 271 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
महाकवि विद्यापति भाग्यषाली कवियों में एक थे। उन्हें प्रकृति नटी की रंगस्थली मिथिला सी जन्मभूमि तथा सद्गुण-रत्नाकर महाराज षिव सिंह के समान आश्रयदाता मिले हुए थे। तभी तो उनकी कविता कामिनी ने अपनी वीणा की झंकार से दिल्ली के तुगलक-राजघराने से लेकर बंग के चैतन्य महाप्रभु तक के हृदय को झंकृत एवं मंत्र-मुग्ध सा कर दिया।