( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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आधुनिकीकरण की प्रक्रिया : एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण

    2 Author(s):  PRAMOD VERMA ,DR. R.K. THAKUR

Vol -  11, Issue- 7 ,         Page(s) : 156 - 161  (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मानव समाज प्रकृति का अभिन्न अंग होने के कारण परिवर्तनशील है। यही कारण है कि वह आदिम परम्परागत समाज से आधुनिक समाज में परिवर्तित हो गया है। परिवर्तन की प्रक्रियाओं में आधुनिकीकरण सबसे व्यापक है, जो विश्वव्यापी है। आधुनिकीकरण बहुआयामी प्रक्रिया है, जो जीवन के समस्त पक्षों यथा सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक व बौद्धिक से सम्बद्ध है। आधुनिकीकरण पश्चिमी एवं गैर-पश्चिमी विकसित देशों की विशेषताओं, व्यवस्थाओं, संस्थाओं, मूल्यों व विचारां को अपनाने की प्रक्रिया है। आधुनिकीकरण में जैविक शक्तियों के स्थान पर जड़वत शक्तियों का अधिक उपयोग किया जाता है। इसमें ग्रामीण से नगरों की ओर, कृषि से उद्योग की ओर, संकीर्णता से व्यापकता की ओर तथा स्वानुभूति परानुभूति की ओर तथा सरल से जटिल की ओर परिवर्तन होता है। लेकिन इसका आशय यह नहीं है कि आधुनिक समाज में परम्परा का अस्तित्व नहीं होता। सत्य तो यह है कि आधुनिकीकरण के बावजूद परम्परा का अस्तित्व बना रहता है।

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