( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 91    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

परंपरा और आघुनिकता का समायोजन:मध्यम वर्ग की चुनौती -21वीं सदी में

    1 Author(s):  RAJESH KUMAR SINHA

Vol -  11, Issue- 3 ,         Page(s) : 33 - 36  (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

चुनौतियाँ वे हैं जो जीवन को रोचक बनाती हैं और उन पर काबू पाने से वही होता है जो जीवन को सार्थक बनाता है। जीवन में चुनौतियों की बड़ी भिन्नता है। यह हमारे लिए कुछ नया सीखने का एक तरीका है, बढ़ने और विकसित होने का अवसर है। साथ-साथ यह भी सच है कि चुनौतियों का सामना करने के लिए कोई विकल्प मौजूद नहीं होता।वर्तमान समय विकास के युग के साथ चुनौतियों का युग भी है।

1 फ्रांसिस बुकानन, भारतीय जनगणना रिकाॅर्ड 1883
2 वीवीसी पाश्र्वक, भारत
3 वी वी सी, धर्म और नैतिकता
4 http://www.jamica-gleanr.com/gleaner/20050215/life/life.html dh”kk “ksDlfi;j dh izse cuke r;”kqnk “kknh
5 http://www.thepost.co.zo/index.php?fsectionId=154&farticleId=2613258 
6 http://www.divorcerate.org/divorce-rate-in-india.html esa rykd nj
7 समाजशास्त्र विश्वकोष- हरिकृष्ण रावत, पृ. 411
8 फ्रेजरः दि माडर्न राइटर एण्ड हिज वल्र्ड, पृ. 161
9 अग्रवाल, वि. कु.: आधुनिकता के पहलु, पृ. 15, 161
10 आधुनिक बोध, रामधारी सिंह दिनकर, पंजाबी पुस्तक भेड़ार, दिल्ली प्रथम संस्करण, 1976, पृ. 36
11 इतिहास परंपरा और आधुनिकता, लेखक -विद्यानिवास मिश्र, संपादक- दयानिधि मिश्र, वाणी प्रकाशन,
पृ. सं. 30
12 मैनेजर पांडेय- साहित्य के समाजशास्त्र की भूमिका, हरियाण साहित्य अकादमी-पुचकला 2001, पृ. 278
13 क्मपिदपजपवद व िमगजतमउपेउ इल डमतपंउ.ूमइेजमत अभिगमन तिथि 4जी क्मब 2015
14 प्रसिद्ध संस्कृत लघु सूक्ति
15 वेदबंधु: ऋग्वेद प्रवेशिकाः केरल साहित्य अकादमी, तृशूर, पृ. 286

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details