International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी की राजकुमारी माता कौशल्या की जन्मतिथि का निर्धारण: मकर संक्रांति 14 जनवरी
1 Author(s): DR. RAM VIJAY SHARMA
Vol - 10, Issue- 12 , Page(s) : 178 - 179 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भगवानराम की माता कौशल्या का भगवान राम के चरित्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है। माता कौशल्या सरल स्वभाव की थी और उन्होंने अपने पुत्र राम में अपने स्वभाव के अनुरूप त्याग, संयम और बलिदान के गुणों को परिपूर्ण किया। रामायण और पुराणों के अनुसार माता कौशल्या का जन्म, वर्तमान छत्तीसगढ़ जिसे प्राचीन काल में दक्षिण कोसल कहा जाता था, मंे हुआ था। रायपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंद्रखुरी माता कौशल्या की जन्म स्थली है। चंद्रखुरी में 126 तालाब थे जिनमें 35 तालाब शेष बचे हैं। बाकी मिट्टी की गोद मंे समाहित हो गये। चंद्रखुरी में ही श्रीलंका के सुप्रसिध्द वैद्य सुषेण (सुखेन) की समाधि भी है। श्रीलंका में युध्द के दौरान लक्ष्मण जी मूर्छित हो गये थे और उन्हें जीवित रहने की उम्मीद नहीं थी तभी वैद्य सुखेन ने संजीवनी बुटी मंगाकर उनका इलाज किया और वे जीवित हो गये। श्रीलंका के राजा रावण को जब इस बात की जानकारी प्राप्त हुई तो वह क्रोधित हो गया और सुषेण वैद्य को देश से बाहर निकाल दिया और वे छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी में आकर निवास करने लगे जो भगवान राम की ननिहाल थी।