1. ‘उपनिषदों का संदेश‘, स्वामी रंगनायानन्द, पृ. सं. 6, उद्धृत ‘बृहदारण्यक‘ (2.1.10)
2. ‘उपनिषदों का संदेश‘, स्वामी रंगनायानन्द, पृ. सं. 353, उद्धृत ‘कठोपनिषद‘ - 8
3. ‘गीत-फरोश‘ - कवि भवानीप्रसाद मिश्र, पृ. सं.
4. ‘उपनिषदों का संदेश‘, स्वामी रंगनायानन्द, पृ. सं. 82
5. वही, पृ. सं. 82
6. वही, पृ. सं. 82
7. ‘तुम मेरा मौन हो‘ - श्री नरेश मेहता, पृ. सं. 5
8. ‘देखना एक दिन‘ - श्री नरेश मेहता, पृ. सं. 10
9. ‘नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र‘, गजानन माधव मुक्तिबोध, पृ.सं.54
10. ‘लिखने का कारण‘ (निबंध संग्रह), रघुवीर सहाय, पृ. सं. 34