( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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महिलाओं का राजनीतिक संर्घष, सहभागिता और सशक्तिकरण

    1 Author(s):  DR. RAKESH KUMAR

Vol -  10, Issue- 10 ,         Page(s) : 238 - 243  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

समाज में नर-नारी के मध्य लिंग भेद के कारण बने पुरूष प्रधान समाज में चिर काल से ही समाज ने लिंग भेद को एक पहचान वना डाला है। इसी पहचान के अन्तर्गत पुरूष की श्रेष्ठता तथा नारी की निम्नता अनेक प्रकार से स्थापित की गई है। पुरूष श्रेष्ठता के सिद्धान्त को वैज्ञानिक आधार पर समर्थन दिया गया और महिलाओं को निम्नता का अहसास कराया जाता रहा, जिस कारण महिलाएं पुरूषों के सापेक्ष पिछड़ती चली र्गइं। परन्तु आधुनिक समय में महिलाओं ने राजनीतिक सहभागिता हेतु चिन्तन व संघर्ष शुरू किया। जो नारी आन्दोलन के रूप में विकसित हुआ । नारी आन्दोलन के विकास से महिलाओं की तुलना में भारत के महिला आन्दोलन ने तेजी से सफलता प्राप्त की। भारतीय महिला आन्दोलन को दो स्तरों 1917 ई0 से 1928 ई0 तक तथा 1928 ई0 से 1937 ई0 तक से होकर गुजरना पड़ा।

1. इण्टर पार्लियामेन्टी यूनियन रिर्पोट मार्च 2010।
2. द स्टडीकल रिपोर्ट- भारतीय निर्वाचन आयोग नई दिल्ली 2009।
3. चतुर्वेदी-वूमेन्स एडमिनिस्टेटर्स इन इण्डिया-लक्ष्मी प्रकाशन नई दिल्ली।
4. वेवसाइट ई0सी0आई0 डाट काम रिर्पोट 2009।
5. डाॅ पुखराज जैन- भारतीय शासन एवं राजनीति, सहित्य भवन प्रकाशन आगरा।
6. कल्पना राय-वूमेन इन इण्डियन पालिटिक्स-एशिया बुक्स दिल्ली 1999।
7. समयक भारत-मासिक पत्रिका अगस्त 2007।
8. योजना मासिक पत्रिका-नई दिल्ली मई 2010।
9. मैन्युअल- पंचायत विकास - सूचना एवं प्रसारण विभाग लखनऊ 2002।
10. देवी ललिता-द स्टडी आॅफ वूमेन कन्डीशन, वी0आर0 प्रकाशन दिल्ली 1982।

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