International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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नीली आँखें निम्न मध्यवर्गीय समाज का रोमांचक प्रेम
1 Author(s): DR. SUDHANSHU KUMAR SHUKLA
Vol - 10, Issue- 9 , Page(s) : 47 - 49 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
प्रवासी साहित्यकारों की रचना-प्रक्रिया में एक अद्भुत बात देखनें को मिलती है। विदेशी कलेवर की कहानी की संवेदना, आत्मीयता और परिवेशीय चित्रण को बारीकी से देखा जा सकता है। ऐसे ही प्रवासी युवा साहित्यकार राकेश शंकर भारती का नाम उभरकर आ रहा है। लगभग 10-12 वर्षों से यूक्रेन में रह रहे, प्रवासी साहित्यकार की कहानी संग्रह नीली आँखें पढ़ने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। यह उनका पहला कहानी संग्रह है, जो रोमांचक प्रेम कहानियों से भरा है। यूक्रेन और पूर्वी यूरोप की पावन धरती पर रूस से अलग होने, हिटलर के आक्रमणों का प्रभाव आसानी से देखा जा सकता है। यूक्रेन की वर्तमान स्थिति आज भी आर्थिक दृष्टि से उन्नत नहीं कही जा सकती है। उस पर सुंदरता की अद्भुत छटा वहाँ की लड़कियों, औरतों में पाई जाती है। हालात और सुंदरता के बीच उपजा प्रेम किसी प्रकार यूरोपीय संस्कृति को दर्शाता है, यह आपको उनकी कहानियों में स्पष्ट देखने को मिलता है।