International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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गांधी आखिर गांधी क्यों ?
1 Author(s): DR. SUDHANSHU KUMAR SHUKLA
Vol - 10, Issue- 8 , Page(s) : 201 - 205 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
आज के माहौल में, भारतीय जीवन की उठापटक, बाजारवाद का बढ़ता प्रभाव, पाश्चात्य संस्कृति की उन्मादी लहर ने कई बड़े-बड़े प्रश्न खड़े कर दिए। दूसरे राजनीतिक गलियारों में गिरता स्तर और मानवीय नैतिकता का सूखते जाना, तरह-तरह की सोच को जन्म दे रहा है। आज हम अपने अतीत की गाथाओं में महापुरूषों के बारे में गाल बजाते, आँखे मटकाते नए तथ्यों, नई सोच को सोचने समझने को मजबूर कर रहे हैं। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में गांधी की प्रासंगिकता, गांधी के मूल्य, गांधी की गलती पर प्रश्न उठाते फिरते हैं। प्रवास के समय अर्थात् पोलैंड में मैंने गांधी अर्थात् राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चिंतन मनन फिर किया। कारण स्पष्ट है कि यूरोप की बड़ी से बड़ी लाइब्रेरी हो, विश्वविद्यालय और दूतावास हो सब जगह गांधी जी की मूर्ति, गांधी जी चरखे के साथ तो कभी ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको संमत्ति दे भगवान की भजन पंक्ति में हैं।