( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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उरांव समाज के प्रमुख संस्कार, परम्परा

    2 Author(s):  DR. SNEHLATA NIRMALKAR, DAYA TOPPO

Vol -  10, Issue- 2 ,         Page(s) : 15 - 20  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

प्र्रत्येक समाज में संस्कारो का महत्वपूर्ण स्थान होता है। संसार के प्रत्येक समाज में कुछ न कुछ निर्धारित संस्कार होते है। उन संस्कारो में कुछ कर्म कांड, आचार-विचार तथा अनुष्ठान पाये जाते है। वास्तविकता तो यह है कि जो संस्कृति जितनी अधिक प्राचीन होती हैै उसमें संस्कारो का महत्व भी उतना ही अधिक होती है। यह समाज चाहे पश्चिम का भौतिकवादी समाज हो अथवाा पूर्णतया एक आदिम समाज हो इसमे जीवन के कुछ विशेष स्तरो पर सस्कारो की विद्यमानता अवश्य ही मिलेगी।

1. लकड़ा फा. जोन. एस. जे. - आदिवासी आध्यात्मिकता।
2. गुप्ता डाॅ. आर. के - भारतीय समाज एवं संस्थायें।
3. मुखर्जी रवीन्द्र नाथ -भारतीय समाज व संस्कृति।
4. शर्मा डाॅ. रामनाथ -भारतीय समाज संस्थायें व संस्कृति।
5. शर्मा डाॅ. बिमलाचरण -झारखण्ड की जनजातियों।
6. मिंज  डाॅ. दिवाकर - मुंडा एवं उरावं धार्मिक इतिहास।
7. कुजुर ब्र. मिखाएल एस. जे. -उरावं संस्कृति।

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