International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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मत्स्य क्षेत्र का ऐतिहासिक परिशीलन
1 Author(s): PREM SINGH SIKARWAR
Vol - 4, Issue- 2 , Page(s) : 535 - 539 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में मत्स्य जनपद में अनेक ऋषि-मुनियों, काव्यकारों एवं साहित्यकारों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है इनमें अवंति नरेश विक्रमादित्य के भार्इ भतर्ृहरि का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता उनके शतकत्रय-नीतिशतक, वैराग्यशतक, श्रृंगारशतक जनमानस में काफी लोकप्रिय हुए तथा उनके नाटक जन-जन में आज भी व्याप्त है।