( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 183    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

भारतीय गिरिमिटिआ श्रमिक प्रणाली के उन्मूलन मे सी0एफ0 एन्ड्रयूज की भूमिका

    1 Author(s):  AMIT KUMAR SAINY

Vol -  8, Issue- 7 ,         Page(s) : 82 - 88  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

दास प्रथा के उन्मूलन के उपरान्त भारत से अनुबन्ध के तौर पर कृषि मे कार्य करने हेतु पाॅंच वर्षों के लिये श्रमिक ले जाये गये, इन्हे गिरिमिटिआ श्रमिक के नाम से जाना जाता है। इन श्रमिकों का बहुत सी गन्ना कालोनियों मे प्रवास कराया गया था। गन्ना कालोनियों मे इन प्रवासी श्रमिकों के समक्ष अनेक कठिनाईं थी। इन प्रवासी श्रमिकों के साथ एकदम गुलामों के जैसा व्यवहार किया जाता था। गन्ना कालोनियों मे रंगभेद, अनैतिक, अमानवीय अत्याचार इन भारतीय श्रमिकों के साथ बहुत ही किया जाता था। गिरिमिटिआ श्रमिक प्रथा के आरम्भ होने के कुछ वर्षों बाद अधिकतर व्यक्तियों ने इसे अर्ध-गुलामी का नाम दे दिया था। इस आमानवीय प्रथा को बन्द कराने के लिये भारतीयों ने आन्दोलन किया था। ब्रिटेन से मिषनरी षिक्षक के रुप मे सी0एफ0 एन्ड्रयूज भारत मे आये और उन्होने इस अमानवीय प्रथा को देखा, जिससे उन्हे बहुत ही आत्मग्लानि हुई उन्होने कई गन्ना कालोनियों मे डब्लू0डब्लू पियर्सन के साथ जाकर भारतीय गिरिमिटिआ श्रमिकों की वास्तु स्थित की जाॅंच की और अपनी एक स्वतंत्र रिपोर्ट पेष की थी। उन्होने इस अमानवीय प्रथा को बन्द कराने के लिये ब्रिटिष अधिकारियों पर दबाव डाला जिसके फलस्वरुप ब्रिटिष सरकार ने इस प्रथा के समाप्ति की घोषणा की थी। सी0एफ0 एन्ड्रयूज ने इस प्रथा को बन्द कराने मे प्रमुख भूमिका निभाई थी।

  1. विद्यार्थी, प्रभुदयाल (संग्रहकर्ता) दीनबन्धु की स्मृति मे, पुस्तक भण्डार लेहियासराय और पटना, बिहार, जून 1941, पृ0सं0 142
  2. उक्त,  33
  3. उक्त, 134-35
  4. विषाल-भारत सचित्र मासिक पत्र (सम्पादक, बनारसी दास चतुर्वेदी) वर्ष तीन भाग, पाॅच, जनवरी-जून, 1930, विषाल भारत कार्यालय, कलकत्ता। पृ0सं0 07
  5. विद्यार्थी, प्रभुदयाल पूर्वोक्त,  पृ0सं0 153-154
  6. उक्त,,155
  7. एन्ड्रयूज, सी0एफ0, एण्ड पियर्सन, डब्लू0डब्लू0, इंडन्चर लेबर इन फिजी एन इंडिपेन्डेन्ट इन्क्वायरी, फरवरी 1916, पृ0सं0 09
  8. उक्त, पृ0सं0 14
  9. उक्त, पृ0सं0 14
  10. उक्त,, पृ0सं0 24
  11. उक्त, पृ0सं0 11-12
  12. दि मार्डन रिव्यू, वोल्यूम  गगअपपप ए नम्बर एक, जुलाई 1920, पृष्ठ सं0 381
  13. एन्ड्रयूज, सी0एफ0, एण्ड पियर्सन, डब्लू0डब्लू0, पूर्वोक्त, पृ0सं0 25
  14. उक्त,पृ0सं0 35
  15. वैज, एस0ए0, सम्पादक, इंडियन अब्रोड, द्वितीय संस्करण, दि इम्पीरियल इंडियन सिटीजनषिप एषोसिऐषन, बाम्बे, 1927, पृष्ठ सं0 572
  16. एन्ड्रयूज, सी0एफ0, एण्ड पियर्सन, डब्लू0डब्लू0, पूर्वोक्त पृ0सं0 39
  17. फिजी मे भारतीय मजदूर,सी0एफ0 एन्डयूज, (अनुवादकर्ता एक भारतीय हृदय) पब्लिषर- भारत ब्ंाधु कार्यालय, हाथरस, 1918 पृष्ठ सं0 8 (चतुर्वेदी संकलन, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली मे संकलित)
  18. एन्ड्रयूज, सी0एफ0, एण्ड पियर्सन, डब्लू0डब्लू0, पूर्वोक्त पृ0सं0 15
  19. दि मार्डन रिव्यू, वोल्यूम  गगअपपप ए नम्बर एक, जुलाई 1920, पृष्ठ सं0 66
  20. एन्ड्रयूज, सी0एफ0, एण्ड पियर्सन, डब्लू0डब्लू0, पूर्वोक्त प्र0सं0 27
  21. उक्त, प्र0सं0 27
  22. सनाढ्य, तोताराम , फिजी द्वीप मे मेरे 21 वर्ष , ज्ञानपुर, बनारसी दास चर्तुवेदी, बनारस, अक्टूबर 1972, पृ0सं0 33 
  23. विषाल-भारत, पूर्वोक्त, पृ0सं0 120
  24. चतुर्वेदी, बनारसी दास, एण्ड स्काई, मारजोर, चाल्र्स फेरेर एन्ड्रयूज, ए नैरेटिव बिल्डर्स आॅफ मार्डन इंडिया, जार्ज एलन एण्ड अनविन कम्पनी लिमिटेड, लंदन, फस्र्ट पब्लिष इन 1949, पृ0सं0 326

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details