( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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स्त्री - विमर्ष की अवधारणाएं ।

    1 Author(s):  SANTOSH KUMAR SINGH

Vol -  7, Issue- 6 ,         Page(s) : 282 - 285  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

स्त्री विमर्ष के दो प्रमुख सिद्धान्तकार मेरी वोल्स्टन क्राफ्ट और सीमोन द - बोउआर ने संकल्पना निर्मित करने में बहुत योगदान किया है । पितृसत्तावादियों द्वारा यह माना जाता है कि स्त्री देह की प्रकृति ही कमज़ोर है । ईष्वर ने ही स्त्री का अबला बनाया है । इसे सैद्धान्तिक रूप में ‘जैविक - संरचनावाद‘ कहा गया है ।

1. मेरी वोल्स्टन क्राफ्ट  ‘ विन्डीकेषन आॅफ द राइट्स आॅफ वुमेन ‘ 1792, पृ सं0 - 20 
2. सीमोन-द-बोउआर, ‘ द सेकेण्ड सेक्स‘ अनुवादक - प्रभा खेतान, स्त्री उपेक्षिता ‘ 2002, पृ0 सं0 - 31
3. सीमोन-द-बोउआर, ‘ द सेकेण्ड सेक्स ‘ अनुवादक - प्रभा खेतान, स्त्री उपेक्षिता ‘ 2002, पृ0 सं0 - 31
4. सीमोन-द-बोउआर, ‘ द सेकेण्ड सेक्स‘ अनुवादक - प्रभा खेतान, स्त्री उपेक्षिता ‘ 2002, पृ0 सं0 - 31

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