( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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द्विवेदी युगीन उपन्यास साहित्य में नारी का चरित्र चित्रण विषय के विशेष संदर्भ में शोध पत्र

    1 Author(s):  DR. MOHAN LAL SAHU

Vol -  2, Issue- 2 ,         Page(s) : 153 - 164  (2011 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

आजादी के लगभग छः दशक बीतने के बावजूद भारतीय समाज और उसका परिवेश अनेकानेक समस्याओं में ग्रसित है। इन समस्याओं के कारण जीवन के विभिन्न क्षेत्रों, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक में आये तेज परिवर्तनों को दृष्टिगत करना सामान्य बात नहीं है। साहित्य परिवेश की देन है इसलिये अपने पूरे परिवेश से जुड़कर काव्य रचना एक जागरूक और संवेदनशील रचनाकार के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। कहना न होगा कि ऐसी स्थिति में साहित्यकार सामाजिक विसंगतियों को ध्यान में रखकर रचनायें प्रस्तुत करता है जिस रचनाकार में अपने परिवेश को पकड़ने की जितने उत्कट लालशा और समसामयिक समस्याओं की जितनी गहरी पहचान होगी उसकी रचना उतनी ही अधिक प्रासंगिक, समसामयिक और कालयजी होगी।

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