( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भारत में पंचायती राज एवं महिला शिक्षा

    1 Author(s):  NEERAJ BHATT

Vol -  7, Issue- 3 ,         Page(s) : 83 - 86  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति अपनी शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक उन्नति कर सकता है। व्यक्ति के मन में सहृदयता का भाव जाग्रत होता है एवं उसके राग, द्वेष, स्वार्थ, घृणा का साधारणी करण हो जाता है। शिक्षित व्यक्ति ही अपने विवेक व स्वतन्त्रता से जीवन के सभी संघर्ष का सामना करता है। स्वामी विवेकानन्द ने शिक्षा का उद्देश्य‘‘ Man Making Character Build in यानि व्यक्तित्व विकास व चरित्र निर्माण बताया है।

  1. स्त्री शिक्षा का सच-कमल कुमार-मधुमती: फरवरी 2013, पृ. 29
  2. प्राक्कथन - नवउपनिवेश के बाद, उपनिवेश में स्त्री-प्रभाखेतान, पृ. 14-15
  3. Shrivastava Rachna : Indian Women Laws and Political with and Reality mainstream Vol. 40, No. 12 March 9, 2012.
  4. स्त्री अस्मिता: साहित्य और विचारधारा पृ. 74
  5. तथ्य सत्य: औरत की जगह, पितृसŸाा के नए रूप: स्त्री व भूमंडलीकरण प्रभा खेतान, पृ. 214
  6. पितृसŸाा के नए रूप: स्त्री व भूमंडलीकरण, पृ. 144
  7. परिवार परिशिष्ट - राजस्थान पत्रिका - 4 अक्टूबर 2011
  8. महिलाएँ एवं मानवाधिकार - श्रीमती पूजा शर्मा - सम्पूर्ण
  9. राजस्थान में प्रारंभिक शिक्षा की स्थिति - डाॅ. बीनासिंह पृ. 37 शैक्षिक मंथन - 1 जुन 2015
  10. शैक्षिक मंथन (मासिक 1 अगस्त, 2015, पृ. 32)
  11. महिला सशक्तिकरण - पंचायती राज एवं महिलाऐं - निधि भारद्वाज, पृ. 189
  12. राजस्थान पत्रिका रविवारीय, 14 जनवरी 2007, पृ. 1

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