( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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कमलेश्वर के उपन्यासों में स्त्री पुरुष संबंधों की त्रासदी

    1 Author(s):  MADHUBALA

Vol -  6, Issue- 9 ,         Page(s) : 245 - 251  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

कथा-साहित्य की दुनिया में कथाकार तथा मीडियामैन के रूप में कमलेश्वर ने ज़मीन और जिन्दगी से सीधे जुड़े स्त्री-पुरुषों के जीवन का चित्रण करने और उनकी छोटी-बड़ी आशा-आकांक्षाओं, संघर्षों को व्यक्त करने में विशेष कला हासिल की है। कमलेश्वर नई कहानी के त्रिकोण की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। नई कहानी का त्रिकोण - यानी राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश और कमलेश्वर (मेरे साक्षात्कार : कमलेश्वर, पृ० 11)। कमलेश्वर की रचनाओं व कृतियों से प्रभावित होकर पी.एन. भट्टतिरी (मलयालम के विख्यात लेखक) ने ‘कमलेश्वर... एक सिद्धान्त का पुनरुत्थान है’ कहकर संबोधित किया (कमलेश्वर : सम्पादक मधुकर सिंह, पृ० 352)। विमल मिश्र कमलेश्वर के बारे में कहते हैं कि “मैं कमलेश्वर को साहित्य का विद्रोही लेखक मानता हूँ जिसे अंग्रेजी में कहते हैं ^Voice of Dissent* (कमलेश्वर, पृ० 366)

1. कमलेश्वर का कथा साहित्य: समाज, सत्ता व राजनीति, दीपमाला, डाú कुमुद शर्मा
2. कमलेश्वर के कथा साहित्य में स्त्राी विमर्श, करुणा देवी, डाú पूरनचन्द टण्डन
3. कमलेश्वर, सम्पादक मध्ुकर सिंह, शब्दकार प्रकाशन
4. मेरे साक्षात्कार, कमलेश्वर, किताबघर प्रकाशन

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