( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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पर्यावरण प्रबन्ध

    1 Author(s):  DR. PANKAJ KUMAR SAHU

Vol -  6, Issue- 5 ,         Page(s) : 133 - 137  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

र्यावरणः- स्वस्थ मानव जीवन पूरी तरह स्वस्थ पर्यावरण पर निर्भर है इस तथ्य में कोई षंका नहीं। एक ओर तो हम प्रगति और विकास के पथ पर बड़ी तीव्र गति से अग्रसर हैं मगर दूसरी ओर जाने अनजाने हम पर्यावरण को स्वस्थ, प्रदूषण मुक्त और संतुलित बनाये रखने में कहीं न कहीं चूक रहे हैं। परिणाम यह हुआ है कि आज पर्यावरण का प्रदूषण एक गंभीर समस्या का रूप धारण कर चुका है। अगर हमने पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए तो आने वाली नस्लों को निष्चित रूप से खतरनाक परिणाम भुगतने होंगे। प्रकृति जैसी है वैसी ही रहे, उसके किसी भाग या परिस्थिति में परिवर्तन मानव के हित में ही हो, इसी स्थिति एवं वातावरण को पर्यावरण कहा जाता है।

  1. सक्सेना, पी. बी. ‘पर्यावरण भूगोल के मौलिक आधार तत्व‘ पृ0 235,
  2. भूगोल और आप, ‘पत्रिका‘ अंक-8, संख्या-2, मार्च-अप्रैल, 2009
  3. साहू, पंकज कुमार, ‘पष्चिमी मालवा म. प्र. में कृषि विकास स्तर की प्रादेषिक विभिन्नता‘, पृ0 37-40,
  4. Parker, S.P. (1977) Encyclopedia of  Environmental Science Mc. Grew Hill.
  5. Young,  A. (1973) Soil Survey Procedure in Land development  planning, Geogr. J. 139, 53-64.

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