( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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कुबेरनाथ राय की गाँधी-विषयक दृष्टि

    1 Author(s):  SUMITI

Vol -  5, Issue- 11 ,         Page(s) : 321 - 327  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

एक लेखक की हैसियत से इस अवस्था को बदलने तथा आस्था की नींव मज़बूत करने के लिए, संस्कृति के विशाल प्रांगण में साहित्य-जगत्, इतिहास-बोध और लोक-जीवन की गहराई में अवगाहन करते हुए उन दीर्घजीवी मूल्यवान तत्त्वों और शाश्वत सच्चाइयों को उन्होंने सम्मुख रखा, जो हमारी जीवंतता और गौरव-बोध के परिचायक हैं। श्री राय का मानना है कि पाठक की मानसिक ऋद्धि और क्षितिज का विस्तार करना लेखक का कर्तव्य है। कुबेरनाथ राय ने अपनी पीढ़ी को अपने दायरे से परिचित करवाने, उसमें जीवन-दृष्टि का सही बोध जगाने का कार्य अपने निबंधों द्वारा किया है। आज की परिस्थितियों में उन प्राचीन मूल्यों को प्रासंगिक मानकर उन्होंने पुनर्व्याख्यायित किया और उसकी उपादेयता सिद्ध की। इस प्रकार विकास के लिए परम्परा की ज़मीन पर खड़े होने का उन्होंने समुचित साधन प्रस्तुत किया है।

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