( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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हिन्दी साहित्य का इतिहास

    1 Author(s):  SANTOSH DEVI

Vol -  5, Issue- 1 ,         Page(s) : 674 - 679  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

हिन्दी साहित्य पर यदि समुचित परिप्रेक्ष्य में विचार किया जाए तो स्पष्ट होता है कि हिन्दी साहित्य का इतिहास अत्यंत विस्तृत व प्राचीन है। सुप्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डॉ हरदेव बाहरी के शब्दों में, 'हिन्दी साहित्य का इतिहास वस्तुतः वैदिक काल से आरम्भ होता है। यह कहना ही ठीक होगा कि वैदिक भाषा ही हिन्दी है। इस भाषा का दुर्भाग्य रहा है कि युग-युग में इसका नाम परिवर्तित होता रहा है। कभी 'वैदिक', कभी 'संस्कृत', कभी 'प्रकृत', कभी 'अपभ्रंश' और अब - हिन्दी।[1] आलोचक कह सकते हैं कि वैदिक संस्कृत और हिन्दी में तो जमीन-आसमान का अन्तर है। पर ध्यान देने योग्य है कि हिब्रू, रूसी, चीनी, जर्मन और तमिल आदि जिन भाषाओं को 'बहुत पुरानी' बताया जाता है, उनके भी प्राचीन और वर्तमान रूपों में जमीन-आसमान का ही अन्तर है। पर लोगों ने उन भाषाओं के नाम नहीं बदले और उनके परिवर्तित स्वरूपों को 'प्राचीन', 'मध्यकालीन', 'आधुनिक' आदि कहा गया जबकि हिन्दी के सन्दर्भ में प्रत्येक युग की भाषा का नया नाम रखा जाता रहा।

  1. भारत के प्राचीन भाषा.परिवार और हिन्दी ;गूगल पुस्तक य लेखक . रामविलास शर्माद्ध
  2. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास ;गूगल पुस्तक य लेखक . सुमन राजेद्ध
  3. Hindustani Textbooks from the Raj
  4. भारतेन्दु युग और हिन्दी भाषा की विकास परम्परा ;गूगल पुस्तक य लेखक . डॉ राम विलास शर्माद्ध
  5. हिन्दी भाषाए इतिहास और स्वरूप ;गूगल पुस्तक य लेखक . राजमणि शर्माद्ध

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