( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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आध्यात्मिक विकासः एकमेव मार्ग

    1 Author(s):  MR.ABHE SINGH

Vol -  5, Issue- 9 ,         Page(s) : 325 - 327  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

19 वीं शताब्दी में जब भारतीय समाज में एक अपेक्षा व संवेदनषील एंव अन्धकारमय स्थिति आ चुकी थी, तब स्वामी विवेकानन्द ने अपने दर्षन से संसार को प्रकाषित किया। उन्होनें धर्म, राजनीति, दर्षन साहित्य आदि सभी क्षेत्रों में युगान्तकारी परिवर्तन किये। केवल भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विष्व के अन्य देषों में भी उन्होनें अपनी आलौकिक प्रतिभा के बल परजन समाज के सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक विचारों में हलचल पैदाकर भटकी हुई तथा अन्धकार में विलीन जनता को प्रकाष में लाकर सन्मार्ग दिखाया।

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