International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (1989) की सामाजिक न्याय में भूमिका एवं प्रभावों का अध्ययन (म .प्र . के होशंगाबाद जिले के विशेष संदर्भ में)
1 Author(s): SEEMA KETHWAS
Vol - 13, Issue- 11 , Page(s) : 345 - 357 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार दिये गए हैं और कानून के समक्ष भी सभी को समान माना गया है। ऐसे में किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन अनुचित है फिर चाहे वह सवर्ण हो या दलित। न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय भी इसी तर्क की पुष्टि करता है। यह शासनतंत्र की ज़िम्मेदारी है कि वह पिछड़े समुदायों और दलितों के संरक्षण हेतु बनाए गए कानूनों का ईमानदारीपूर्वक और भेदभाव रहित दृष्टिकोण अपनाकर अनुपालन सुनिश्चित करेए