( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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मध्ययुगीन चेतना के अन्तर्विरोध : हिन्दी साहित्य के संदर्भ में

    1 Author(s):  DR. SANJEEB SINGH NEGI

Vol -  14, Issue- 4 ,         Page(s) : 268 - 281  (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

हिन्दी के मूर्धन्य साहित्येतिहासकार रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास को आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल के रूप में विभक्त किया है। मध्यकाल को उन्होंने पूर्वमध्यकाल (सं॰1375-1700 वि॰) और उत्तरमध्य काल (1700 वि॰-1800 वि॰) के रूप में विभाजित किया, जिनके प्रवृतिगत नाम क्रमशः भक्तिकाल और रीतिकाल भी उन्होंने ही दिये और आज भी हिन्दी साहित्येतिहास में स्वीकृत और समादृत हैं।

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