International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
धम्मपद का सामाजिक महत्व: एक दार्शनिक विवेचना
1 Author(s): VINAY KUMAR
Vol - 13, Issue- 10 , Page(s) : 109 - 112 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
धम्मपद बौद्ध धर्म व बौद्ध दर्शन का एक पवित्र ग्रंथ है, जो मनुष्य को अदृश्य शक्तियों में अविश्वास कर अपने कर्तव्य की ओर उन्मुख करता है। मनुष्य स्वयं एक उद्धारक है जो अपना और समाज का उद्धार कर सकता है। “धम्म’’ को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि “धम्म जीवन की पवित्रता व पूर्णता है, जो मानव को सभी तृष्णा से अलग कर सभी समस्याओं का निदान करता है।’’