International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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लोकनायक तुलसीदास
1 Author(s): DR. SAROJ BALA SHYAM
Vol - 13, Issue- 8 , Page(s) : 140 - 142 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
तुलसीदास भक्तीकाल के लोकप्रिय कवि है रामचरित मानस उनकी कालजमयी रचना है जिसमें लोक मंगल की भावना का विधान देखने को मिलता है। इसलिए इनके काव्य में रामगुण शीलता के दर्षन लोककल्याण समन्वय की भावना, भक्ती भावना, प्रकृति प्रेम, गुण महिमा, सत्संग, नारीचित्रण, दार्षनिकता और स्वान्तःसुखाय जैसे भावभरी काव्य के दर्षन होते है। तुलसी की काव्य रचना का मूल उद्वेष्य लोकमंगल का विधान स्वीकार किया है।