( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 35    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

प्राचीन भारतीय कला में प्रतीकात्मकता

    2 Author(s):  TRIPTI SINGH NARUKA,KIRAN SARNA

Vol -  13, Issue- 2 ,         Page(s) : 388 - 390  (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारतीय कला व संस्कृति के विविध आयामों में व्याप्त मानवीय एवं प्रतीकात्मक तत्त्व कला के रूपों में प्रकट हुए हैं। कला की आत्मा है प्रतीकात्मकता । भारतीय कला में प्रतीकात्मकता का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कला के माध्यम से सूक्ष्म धार्मिक एवं दार्शनिक भावों को ’स्थूलरूप’ प्रदान करके जनसामान्य के लिये सरस, सरल और सुग्राह्य बनाया गया है। इस लेख में प्राचीन भारतीय कला में प्रतीकात्मकता पर प्रकाश डाला गया है ।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details