International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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मेघदूत में व्याहृत मानव तथा प्रकृति का सम्बन्ध
2 Author(s): DR. VISHWAMBHARNATH TRIPATHI,SARITA YADAV
Vol - 13, Issue- 2 , Page(s) : 62 - 66 (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
महाकवि कालिदास कृत मेघदूत के काव्य कौशल की कल्पित रेखा ही प्रकृति है। मेघदूत की काव्य विभूति में अनंत भावपूर्ण एवं सुरम्य प्रकृति चित्रांकन है। मेघदूत का कथानक दो भागों- पूर्वमेघ एवं उत्तर मेघ में विभक्त होकर प्रकृत के द्विविध रूपों में वर्णित है- बाह्य प्रकृति एवं अंतः प्रकृति।