( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 2347    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

दुर्खीम के आत्महत्या सिद्धान्त का धरातलीय निरूपण

    1 Author(s):  SHILENDRA SINGH

Vol -  5, Issue- 2 ,         Page(s) : 644 - 648  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

अलगाव या विमुखता (विरुचिता) का चर्मोत्कर्ष स्वरूप आत्महत्या है। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- आत्म $ हत्या अर्थात् स्वयं की हत्या स्वयं के द्वारा। प्रख्यात फ्रांसीसी समाजशास्त्री इमाइल दुर्खीम के शब्दों में- ‘‘आत्महत्या का शब्द मृत्यु की उन समस्त घटनाओं की ओर संकेत करता है जो स्वयं उस व्यक्ति के वांछित या अवांछित कार्यों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष फल होता है जिसके परिणाम को वह जानता है।’’‘‘1’’

  1. Durkheem, Suicide P. 299. 
  2. अमर उजाला, समाचार पत्र, उत्तर प्रदेश संस्करण प्रकाशित-आगरा 14 सितम्बर 2012, पृ॰सं॰ 3. 
  3. अमर उजाला, समाचार पत्र, उत्तर प्रदेश संस्करण प्रकाशित-आगरा 3 अक्टूबर 2012, पृ॰सं॰ 13. 

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details