International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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श्री जयदेवकृत गीतगोविन्दः एक संक्षिप्त विवेचन
1 Author(s): BALRAM YADAV
Vol - 12, Issue- 5 , Page(s) : 238 - 246 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
हमारे देष की संस्कृति को सषक्त आधार प्रदान करने में साहित्य और संस्कृत भाशा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। जहाँ तक संस्कृत की बात है तो इसका भंडार बड़ा ही समृद्ध है। संस्कृत साहित्य जगत् में महाकवि जयदेव रचित गीतगोविन्द ग्रन्थ का बहुत बड़ा महत्त्व है। बारहवीं षताब्दी के बंगाल के राजा लक्ष्मणसेन के आश्रित महान् प्रतिभासम्पन्न कवि श्रीजयदेव ने गीतगोविन्द नामक गीतिकाव्य का प्रणयन करके गीतिकाव्य-परम्परा में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।