International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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जोधपुर में राज्य काल में दशहरा उत्सव पर अस्त्र-शस्त्र पूजन की विधि एवं महत्त्व
1 Author(s): INDRA SINGH DEWAL
Vol - 12, Issue- 3 , Page(s) : 63 - 66 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भारतीय धर्म व दर्षन में किसी को भी निर्जीव नहीं कहा गया हैं जड़ षब्द को परिभाशित करते हुये यही कहा है कि जो चेतन की भाँति प्रतिक्रिया करने में सक्षम नहीं है वही जड़ है तथापि जड़ को निर्जीव कथमपि नहीं कहा गया है। इसी दर्षन के कारण षस्त्रों में भी जीव के होने तथा उसे सन्तुश्ट करने के उद्देष्य से ही उनका पूजन आदि भाव रखा गया है। इसमें भी विजयादषमी के दिन इसे विषेश रूप से किया जाता हैं।