International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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साम्प्रदायिकता का भारतीय समाज पर प्रभाव
1 Author(s): SUDHIR KUMAR
Vol - 11, Issue- 3 , Page(s) : 365 - 369 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सम्प्रदायवाद एक प्रकार की धार्मिक अन्ध-भक्ति है। यह वह भावना है जो एक धर्म को दूसरे धर्म से अलग करती है। सम्प्रदायवाद को व्यक्ति की संकीर्णता, कट्टरता और जातिवाद कहकर आसानी से समझा जा सकता है। वास्तव में सम्प्रदायवाद एक मनोवृत्ति है जिससे विशिष्ट वर्ग के व्यक्ति अपने सीमित हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए दूसरे व्यक्तियों के हितों और अधिकारों की परवाह नहीं करते हैं। सम्प्रदायवाद ऐसी भावना है जो धर्म, भाषा ओर जाति पर आधारित होती है तथा देश के हितों की उपेक्षा करके साम्प्रदायिक हितों को महत्त्व प्रदान करती है।