International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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आधुनिक शिक्षा प्रणाली एवं वैदिक शिक्षा प्रणाली एक अध्ययन
1 Author(s): DR. ISHTEYAQUE ALAM
Vol - 10, Issue- 8 , Page(s) : 436 - 437 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
पत्नी के कर्कशा अथवा झगड़ालू होने के बाद भी उसे त्यागा नहीं जा सकता था। सामान्य पुरुष एक ही पत्नी रखते थे किन्तु धनी और शाही परिवार के पुरुष इसका अपवाद थे। पर्दा प्रथा नहीं थी और स्त्रियों के विधवा होने पर यदि वे चाहें तो पुनर्विवाह करने की अनुमति थी। गृह स्वामिनी, अर्द्धांगिनी और सहधर्मिणी होने पर भी उसे पति की सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता था। अतः विधवा हो जाने पर वह दुःखपूर्ण और अभावग्रस्त जीवन व्यतीत करती थी।वैदिक काल में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त था। शतपथ ब्राह्मण में स्त्री को पुरुष की अर्द्धांगिनी कहा गया है। अतः धार्मिक दायित्वों का निर्वाह पति-पत्नी सामूहिक रूप से करते थे।