( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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वैदिक साहित्य में जल-संरक्षण एवं प्रबंधन चेतना

    1 Author(s):  SANTOSH

Vol -  11, Issue- 3 ,         Page(s) : 285 - 289  (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

वैदिक साहित्य में प्रकृति के पाँच तत्वों - क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा के महत्व को निरूपित किया क्योंकि वैदिक कालीन ऋषि मुनियों को पर्यावरण तंत्र का समुचित ज्ञान था । अतः वैदिक साहित्य में इस भावना को निरूपित किया गया कि जड़ एवं चेतन तत्त्वों में से किसी को भी क्षति होने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ सकता है । इसीलिए उन्होंने प्रत्येक तत्व के प्रति आदर की भावना को प्रतिपादित किया। इसी क्रम में वैदिक साहित्य में खासकर जल के संरक्षण और प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया।

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