International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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भारत में किसान आंदोलन एक ऐतिहासिक अध्ययन
1 Author(s): DR. SHIV KUMAR
Vol - 11, Issue- 3 , Page(s) : 257 - 259 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भारत के किसानों का संगठित आंदोलन 1929-30 के विश्व व्यापी अर्थसंकट के बाद शुरू हुआ। इस अर्थसंकट ने किसानों की कमर ही तोड़ दी। जमीन्दारों और साहूकारों की जेर- जबरदस्ती बहुत बढ़ गई थी। वे लगान बढ़ाने लगे थे और साहूकार की कमरतोड़ सूद से उनकी जमीन छिनती जा रही थी। किसानों ने संगठित होकर इसका विरोध किया। इसमे कांग्रेस की ओर से भी उन्हें मदद मिली। गाँव - गाँव में किसान कमिटियाँ बनने लगी। इनका काम बेदखली का विरोध करना था और साहूकार की ज्यादती के खिलाफ ग्रामीणों को संगठित करना था। किसानों की गाँव कमिटियों ने धीरे - धीरे एक दूसरे से संबंधित स्थापित करके जिला कमिटियों की स्थापना की और जिला कमिटियों को मिलाकर प्रान्तीय स्तर पर किसानों के संगठन कायम हुए।1