International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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औपनिवेशिकयुगीन भारतीय समाज तथा हिंदी साहित्य
1 Author(s): DR. ANUSHA NILMINI SALWATHURA
Vol - 11, Issue- 10 , Page(s) : 196 - 207 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
वास्तव में किसी भी उपनिवेशी देश के समाज की आंतरिक संरचना पर औपनिवेशिक ढाँचे का प्रभुत्व पड़ना स्वाभाविक है। अर्थात यह संभव है कि ब्रिटिश राज्य की एकछत्र साम्राज्य की स्थापना से भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं आर्थिक संरचना पूर्णतः प्रभावित थी, जो अनेक स्तरों में तथा अनेक स्वरूपों में दृष्टिगोचर होती है। विद्वानों की भी यही मान्यता है कि भारत में ब्रिटिश राज्य की स्थापना से न केवल राजनैतिक शोषण हुआ, अपितु भारत का सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक शोषण भी हुआ है।