"शिक्षित नारी", हर युग की भागीदार
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Author(s):
SUDESH SAINI
Vol - 9, Issue- 1 ,
Page(s) : 209 - 211
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
अमूमन शिक्षित नारी के बारे में लोगो की रुढ़िवादी धारणा यह होती है कि वे उद्धदण, वाकपटू और आधूनिक होती है। उनका मानना है कि शिक्षित नारी घर-गृहस्थी के कार्यो में रुचि नही लेती, परंतु समय≤ पर शिक्षित नारियों ने पुरुष के हर कर्म क्षेत्र मंे अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। वह न केवल अपनी गृृहस्थी बखूबी चलाती है, बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण में भी अपना अहम् योगदान देती है। आज की शिक्षित नारी हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। हमारे महान ऋषियो, मुनियो, समाजशस्त्रियों और महान् लेखको ने समय≤ पर अपने ग्रंथो में, कृतियो व लेखांे मे इस बात की पुष्टि की है कि वह एक शिक्षित नारी ही है जो समाज के हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी निभाती है।
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