भोटिया जनजाति का सामाजिक, आर्थिक विश्लेषण
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Author(s):
DR. HARIOM PRAKASH SINGH, SURENDER SINGH RANA
Vol - 8, Issue- 9 ,
Page(s) : 175 - 177
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
भोटिया जनजाति उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर जिलों में निवासी करती है। भोटिया जनजाति उत्तराखण्ड की अति प्राचीन और महत्वपूर्ण जनजाति है। सीमांत क्षेत्र के निवासी होने के कारण राहुल सांकृत्यायन ने इस क्षेत्र को भोटांत प्रदेश का नाम दिया। सन् 2001 की जनगणना के अनुसार उत्तराखण्ड में भोटिया जनजाति की जनसंख्या 26422 है जो कि प्रदेश की कुल जनजातियों का 14.22 प्रतिशत है। शारीरिक संरचना की दृष्टि से भोटिया लोगों की शरीर रचना तिब्बती मंगोलायड प्रजाति से अधिक समानता लिए हुए है। इनका मुख चैड़ा तथा चपटा होता है, नासिका चपटी तथा नेत्र गोल तथा धंसे हुए होते हैं। त्वचा का रंग पीला तथा शरीर गठीला होता है। बाल काले तथा सीधे होते हैं। दाढ़ी तथा मूछों में बालों का घनत्व बहुत कम होता है तथा पिंडलियां सुन्दर तथा हष्ट-पुष्ट होती हैं। अनेक यूरोपियन विद्वानों ने भोटिया लोगों की शरीर रचना तथा तिब्बत से अनेक प्राचीन संबंधों के आधार पर उन्हें मंगोल प्रजाति से संबंधित माना जाता है। प्रसिद्ध मानवशास्त्री एल0पी0 विद्यार्थी ने भी इस जनजाति पर मांगोलायड के प्रभाव को स्वीकार किया है।
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