भारत में उग्रवादः प्रादुर्भाव, प्रसार एवं प्रतिकार
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Author(s):
DR. ARVIND KUMAR SINGH
Vol - 8, Issue- 9 ,
Page(s) : 35 - 48
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
सम्प्रति, भारत में घटित होने वाली विभिन्न हिंसात्मक गतिविधियों का विश्लेषण करने पर, भारत में आतंकवाद की तीन धाराएं दृष्टिगोचार होती हैं। प्रथम, जेहाद़ अथवा सीमापार आतंकवाद, द्वितीय, उग्रवाद अथवा इंसर्जेंसी और तृतीय, माओवाद अथवा नक्सलवाद। हालांकि वर्तमान में तीनों की सीमाएं मिश्रित प्रतीत होती हैं किन्तु निहित उद्देश्यों और प्रयुक्त रणनीतियों के आधार पर तीनों में पर्याप्त भेद है।
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