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महाभाष्य के सन्दर्भ में 'अनभिहिते' सूत्र का विवेचन
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Author(s):
DR. VIJAY SHREE
Vol - 16, Issue- 1 ,
Page(s) : 481 - 488
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
किसी भी भाषा का सम्यग् ज्ञान प्राप्त करने हेतु उसके व्याकरण-शास्त्र का ज्ञान होना अत्यावश्यक है। संस्कृत वाङ्मय में व्याकरणशास्त्र को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है।
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