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कुरमाली एवं खोरठा लोककथा में सोहराई/गोहाइल/बाँदना परब (पर्व) की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति: एक तुलनात्मक अध्ययन
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Author(s):
MOLIKA KUMARI, LT.DR. AWADH BIHARI MAHTO
Vol - 16, Issue- 11 ,
Page(s) : 242 - 252
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
झारखंड की लोक-संस्कृति में सोहराय, गोहाइल तथा बाँदना पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण पशु-पूजन एवं कृषि-प्रधान त्योहार है, जो मानव-पशु-प्रकृति के सह-अस्तित्व और पारस्परिक संबंध का प्रतीक माने जाते हैं।
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