चरित्र की रक्षा में पीड़ा का अवदान
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Author(s):
DR. RAMESHWAR MEHTO
Vol - 16, Issue- 9 ,
Page(s) : 196 - 198
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
साहित्य चरित्र निर्माण करता है। "रामादिवत् प्रवर्तितव्यं न रावणादिवत्"(1) की सीख हमें साहित्य से ही मिलती है, और साहित्य' तबतक नहीं हो सकता जबतक पीड़ा न हो।
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