‘बिना दीवारों का घर’ नाटक में स्त्री संघर्ष
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Author(s):
DR.PUSHPA MEENA
Vol - 16, Issue- 9 ,
Page(s) : 137 - 140
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
मध्यकालीन भारतीय समाज में नारी सदैव अपने अधिकारों से वंचित और उपेक्षित रही है क्योंकि हिंदू समाज पितृसत्तात्मक समाज का प्रभुत्व रहा है।
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