कबीर और निराला के काव्य में मानवीय संवेदना
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Author(s):
DR. ANITA RANI
Vol - 16, Issue- 8 ,
Page(s) : 198 - 209
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
कबीर साहब मानवीयत के पोषक थे, उनका युग और संघर्ष का युग था। संस्कृति, समाज, धर्म-कर्म तथा व्यवहार आदि क्षेत्रों में एक आश्चर्यजनक स्थिति व्याप्त थी।
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