पंचपरगनिया साहित्य में प्रेम दर्शन के रुप
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Author(s):
UMESH SAW
Vol - 16, Issue- 8 ,
Page(s) : 112 - 115
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
साहित्य में प्रेम-दर्शन वह विचारधारा है, जिसमें प्रेम को एक दार्शनिक भाव के रुप में देखा जाता है, जो आत्मा की अनुभूति, मानवीय मूल्यों की अभिव्यक्ति और जीवन के परम सत्य की खोज से जुड़ा होता है ।
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