चित्रा मुद्गल के उपन्यास - ’गिलिगड्डू’ में वृद्ध-विमर्श
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Author(s):
SMT PRAMILA DHURVE ,DR. (SMT) SUPARNA SHRIVASTAVA
Vol - 16, Issue- 7 ,
Page(s) : 171 - 177
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
आज के युग में वैज्ञानिक उन्नति के साथ जहॉं एक ओर मानव जीवन की औसत आयु में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर वृद्धजनों की कठिनाईयॉं और समस्याएं बढ़ती जा रही है।
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