भावों(नीयत) से निर्धारित होते हैं "शुभ-अशुभ कर्म"
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Author(s):
DR. SONAL
Vol - 16, Issue- 4 ,
Page(s) : 276 - 278
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
यदि नीयत अच्छी हो तो बुरा कर्म भी अच्छा माना जाता है और बुरी नीयत से किया गया शुभकर्म भी पाप तुल्य ही बताया गया है।
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