गीतांजलि श्री के उपन्यास में साम्प्रदायिकता के संदर्भ में अध्ययन
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Author(s):
PROF. NAYNA PAHADIYA ,DR. RESHMA ANSARI
Vol - 16, Issue- 3 ,
Page(s) : 249 - 253
(2025 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
साम्प्रदायिकता की यह समस्या देश की आजादी के साथ हमें विरासत में मिली हैं। इस विकट समस्या के साथ सेक्युलर बनाम नाॅन सेक्युलर का द्वंद भी हमारे इतिहास के साथ आगे बढ़ता रहा है।
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