International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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रविन्द्रनाथ टैगोर के शिक्षा-दर्शन एवं आधुनिक शिक्षा-दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन
1 Author(s): DR. VIRENDRA KUMAR
Vol - 11, Issue- 3 , Page(s) : 55 - 62 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
मनुष्य की अनंत आवश्यकतायें होती हैं, जिन्हें वह पूरा करते-करते मृत्यु को प्राप्त हो जाता है, फिर भी उसकी आवश्यकतायें पूरी नहीं हो पाती हैं। भारत में जन्में संतों एवं महापुरूषों ने अपनी शिक्षाओं से मनुष्य को आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करके उसकी इच्छाओं की सीमा निर्धारित करने का प्रयास किया है। महापुरूषों ने अपनी शैक्षिक विचारधाराओं से मनुष्य के जीवन को सम्पन्न बनाने का कार्य किया है। संतों और महापुरूषों के शैक्षिक विचार आज भी प्रासंगिक हैं। शोधकर्ता ने रविन्द्रनाथ टैगोर के शिक्षा-दर्शन और आधुनिक शिक्षा-दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन किया है।
Chandra, Satish C; Teacher in Emerging Indian Society; International Publishing House, Meerut.Aggarwal J.C.; Education in the Emerging Indian Society; Shipra Publications, Delhi.